वर्षांत समीक्षा 2017 : पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
एक अभूतपूर्व फैसले के तहत राष्ट्रपति ने नवंबर में भारतीय वन (संशोधन)
विधेयक को लागू किया, जिसके तहत ‘वृक्ष’ की परिभाषा के दायरे से गैर वन
क्षेत्रों में बांस को अलग कर दिया गया है। इस निर्णय से आर्थिक इस्तेमाल
के लिए बांस को काटने संबंधी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस फैसले
को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सम्पन्न होने वाली
मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। इसे एक ऐतिहासिक निर्णय कहा गया
क्योंकि पहले भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत बांस को वैधानिक रूप से
‘वृक्ष’ के रूप में परिभाषित किया गया था। इसके कारण गैर किसानों द्वारा
गैर वन जमीन पर बांस की खेती में बाधा आती थी
पूर्वोत्तर को भारत की पहली ‘एयर डिस्पेंसरी’ मिलना तय है। इसके तहत
हेलीकॉप्टर के जरिये चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र
विकास मंत्रालय ने इस पहल के लिए 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि जारी कर
दी है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
दूरदराज के इलाकों में हेलीकॉप्टर आधारित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने
संबंधी संभावनाएं देख रहा है। ये ऐसे इलाके हैं जहां कोई डॉक्टर या
चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने प्रस्ताव भेज
दिया है और इसे मंजूर भी कर लिया गया है। यह प्रस्ताव नागरिक विमानन
मंत्रालय के पास मौजूद है और इसकी प्रक्रिया अंतिम चरणों में है।
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