व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की तीसरी बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई
8 -जनवरी-2018
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई
दिल्ली में व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की तीसरी बैठक की अध्यक्षता
की। इस अवसर पर उन्होंने राज्यों का आह्वान किया कि वे सेवा निर्यात को
बढ़ावा देकर 5 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर के विश्व व्यापार का दोहन करने
के तरीके ढूंढें। इसके साथ ही उन्होंने जैविक खेती, कृषि उत्पादों के
मूल्य वर्धन, विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) को प्राप्त लाभों का उपयोग करने
और रोजगार सृजन करने पर भी विशेष जोर दिया।
श्री प्रभु ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल बनाने की
अहमियत पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तरीय
रणनीतियां विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलों को विकास की नई
इकाइयां बनाई जानी चाहिए और उनसे जुड़ी योजनाएं बनाई जानी चाहिए। मंत्री
महोदय ने यह भी कहा कि एक ऐसी नई कृषि निर्यात नीति बनाने की आवश्यकता है,
जिसके तहत मूल्य वर्धित कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने पर फोकस किया
जाना चाहिए, तकि किसानों की पहुंच अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक संभव हो सके
और उनकी आमदनी बढ़ सके।
श्री प्रभु ने ‘विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स में सहूलियत
(लीड्स)’ नामक एक अध्ययन जारी किया, जो प्रथम उप-राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स
प्रदर्शन सूचकांक है। उन्होंने ‘राज्य निर्यात पुस्तिका’ भी जारी की, जो
पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्यों से हुए निर्यात की स्थिति का एक संग्रह
है।
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ने परिषद के सदस्यों से
अनुरोध किया कि व्यापार के मार्ग की बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ
लॉजिस्टिक एवं बुनियादी ढांचे की खामियों को संयुक्त रूप से समाप्त करने
की जरूरत है, जो भारत से निर्यात को प्रभावित करती हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री, गुजरात के उप मुख्यमंत्री, 11 राज्यों के
मंत्रियों, राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों और औद्योगिक निकायों के
प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
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