वर्षांत समीक्षाः वर्ष 2017 के दौरान खेल विभाग की उपलब्धियां एवं पहल
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22वीं एशियाई एथेलेटिक स्पर्धा, 2017 का सफल आयोजनः
फीफा अंडर-17 विश्व कप का सफल संचालन
मिशन इलेवन मिलियन
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22वीं एशियाई एथेलेटिक स्पर्धा, 2017 का सफल आयोजनः
भारत ने 6 से 9 जुलाई 2017 के बीच उड़ीसा के भुवनेश्वर में बाईसवीं
एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप, 2017 का सफल आयोजन भी किया। भारत पदक तालिका
में 29 पदक (12 स्वर्ण, 5 रजत, 12 कांस्य) जीत कर पहले स्थान पर रहा।
खेलों में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच भागीदारी:
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मेलकॉम टर्नबुल की भारत यात्रा के दौरान भारत
और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों के मध्य 10 अप्रैल, 2017 को नई दिल्ली में
दोनों देशों के खेल संबंधों में सुधार हेतु पांच समझौता पत्रों पर
हस्ताक्षर हुए थे।
इसके अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मुम्बई में खेलों के क्षेत्र में
सहयोग बढ़ाने के लिए 12 अप्रैल, 2017 को साझेदारी शुरू की। इस साझेदारी से
चार क्षेत्रों- एथलीट/ कोच प्रशिक्षण एवं विकास, खेल विज्ञान, खेलों की
शासन प्रणाली एवं सम्पूर्णता एवं साधारण-जनों की भागीदारी- में भारत
ऑस्ट्रेलिया सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
फीफा अंडर-17 विश्व कप का सफल संचालन
फीफा अंडर-17 विश्व कप के सत्रहवें संस्करण का सफल आयोजन 6 से 28
अक्टूबर, 2017 के बीच हुआ। भारत ने पहली बार इतिहास में इतनी बड़ी फुटबॉल
प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया। स्पर्धा के स्थल यह थे- जवाहरलाल नेहरू
स्टेडियम, नई दिल्ली, पीजेएन स्टेडियम, फटोरदा- गोआ, जवाहरलाल नेहरू
स्टेडियम, कोचि, इंदिरा गांधी एथेलेटिक्स स्टेडियम- गुवाहाटी, विवेकानंद
युवा भारती क्रीड़ांगन, साल्ट लेक- कोलकाता, डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी
मुंबई । दुनिया भर की 24 टीमों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। दर्शकों से
अटे युवा भारती क्रीड़ांगन, साल्ट लेक- कोलकाता में 28 अक्टूबर, 2017 को
इंग्लैंड और स्पेन के बीच फाइनल मैच खेला गया जिसमें इंग्लैंड फीफा अंडर-17
विश्व कप प्रतिस्पर्धा का विजेता घोषित किया गया।
मिशन इलेवन मिलियन
मिशन इलेवन मिलियन फुटबॉल को देश भर में लोकप्रिय बनाने के लिये
मंत्रालय, ऑल इण्डिया फुटबॉल फेडेरेशन एवं फीफा का एक संयुक्त कार्यक्रम
है। कार्यक्रम का लक्ष्य फुटबॉल के प्रोत्साहन के लिये 30 सितम्बर, 2017 तक
11 मिलियन लड़कों और लड़कियों तक पहुंचना है। भारत सरकार ने कार्यक्रम
हेतु 12.55 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं एवं इतनी ही धनराशि एआईएफएफ/ फीफा
द्वारा व्यय की जाएगी। उपरोक्त कार्यक्रम के लिये 11 मिलियन बच्चों को पहले
ही कवर किया जा चुका है। कार्यक्रम ने देश भर में फुटबॉल को लोकप्रिय
बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुरः राष्ट्रीय खेल
विश्वविद्यालय, मणिपुर की स्थापना का प्रस्ताव औपचारिक तौर पर वित्त मंत्री
ने 10 जुलाई 2014 को अपने बजट भाषण (2014-2015) में कर दिया था। नीति आयोग
ने इस परियोजना को सिद्धांतः अपनी अनुमति प्रदान कर दी है। केंद्र की यह
नई परियोजना पांच साल में कार्यान्वित हो जाएगी। परियोजना की अनुमानित लागत
500 करोड़ रुपये होगी। प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय का प्रशिक्षण
कार्यक्रम चार स्कूलों के अंतर्गत किया जाएगाः खेल विज्ञान एवं खेल
चिकित्सा विद्यालय, केल प्रबंधन एवं तकनीक विद्यालय, खेलकूद शिक्षा
विद्यालय एवं अंतर्विषयक अध्ययन विद्यालय। चारों विद्यालयों के अंतर्गत
कुल तेरह विभाग होंगे।
मणिपुर सरकार ने युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय को प्रस्तावित
विश्वविद्यालय के निर्माण के लिये दिनांक 29 दिसंबर 2016 को राज्य के
पश्चिमी इम्फाल जनपद में 325.90 एकड़ भूमि प्रदान की है। विश्वविद्यालय की
स्थापना के लिये परियोजना का प्रबंधन-सलाहकार हिंदुस्तान स्टीलवर्क्स
कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एचएससीएल) है।
प्रस्तावित विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना
सुनिश्चित करने के लिये कैनबरा एवं विक्टोरिया विश्वविद्यालय के साथ युवा
कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने अप्रैल, 2017 में समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर
किये हैं। राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय बिल के फाइनल होने तक मणिपुर
सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गठित राष्ट्रीय खेल
विश्वविद्यालय सोसाइटी विधेयक के पारित होने तक बतौर विश्वविद्यालय का
कार्य करेगी। बीपीईएस एवं बीएससी (स्पोर्ट्स कोचिंग) पाठ्यक्रम खुमन लम्पक
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जो राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय सोसाइटी का
मुख्यालय होगा, से शुरू होंगे। प्रारंभ में दोनों पाठ्यक्रमों के लिये
60-60 छात्रों को लिये जाने की योजना है। पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये 16
प्राध्यापकों के अलावा एक ओएसडी एवं एक वित्त अधिकारी की नियुक्ति
प्रस्तावित की गई है।
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